Madhu Arora

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लेखनी प्रतियोगिता -05-May-2022रूठना

तेरा रूठना

तेरा रूठना भी क्या अजब है सनम,
मुंह फुलाए बैठे हो क्या बात है सनम।

कटती नहीं जिंदगी बिन तेरे से बात किए,
काम में मन नहीं लगता उदास देखकर सनम

थोड़ा इधर देखो नजर तो घुमाओ सनम
दिल में बड़े सवाल है नखरे ना दिखाओ सनम

इश्क में रूठना मनाना तो लगा रहता है।
नजरें फेर कर बैठना तुम्हें खूब आता है सनम।

मान भी जाओ हम यूं हमें ना अब तड़पाओ।
तेरे रूठने पर भी हमें प्यार आता है सनम ।

छोड़ो अब यह नाराजगी कुछ तो कहो
न बोलना तेरा हमें कहांँ भाता है सनम।।
                      रचनाकार ✍️
                      मधु अरोरा
                       5.5.२०२२

प्रतियोगिता हेतु

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10 Comments

Shnaya

06-May-2022 01:08 PM

👌👏🙏🏻

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Reyaan

06-May-2022 11:26 AM

👏👌

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Shrishti pandey

06-May-2022 10:19 AM

Nice

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